Old Is Gold
१) ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले,
ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है|
२) सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
देखना है ज़ोर कितना बाजू-ए-क़ातिल में है
वक़्त आने पर बता देंगे तुझे ए आसमाँ
हम अभी से क्या बताएँ क्या हमारे दिल में है|
३) इस शान से वह आज पए-इम्तहाँ चले
कितनो के पाँव चूम के पूछा कहाँ चले
जब मैं चलूँ तो साया भी मेरा न साथ दे
जब वह चलें, ज़मीन चले, आसमाँ चले|
४) न किसी की आँख का नूर हूँ, न किसी के दिल का क़रार हूँ
जो किसी के काम न आ सके, मैं वो एक मुश्ते ग़ुबार हूँ|
चिंटू
2 Comments:
you should not write at the end of paragraphs which have been stolen by you from the internet...
so keep in mind...
I know you have stolen this from internet...so don't try to become over smart which definitely you are not..don't put your name at the end....I can sue in court..remove it asap...
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