शिव मार्तण्ड ७
कक्षा १६०/१६१
१. भगवान शिव
२. काल (समय ) - ब्याज़ काल का मूर्त स्वरूप है! हमे राहु की कृपया पाने के लिए राहु को काल से मुक्त रखना है!
३. राहु - धन, मुद्रा, पैसा इस संसार में राहु का मूर्त स्वरूप है! कलयुग का आधार राहु है! जो धन का सम्मान नहीं केरगा वो इस कलुयग में सफल जीवन जी हि नहीं सकता!
राहु का प्रगट स्वरूप धन इस भगवान रूपी मायावी रूपी रचित जीवन की धुरी है!
राहु को काल से मुक्त रखने का मतलब है की हमे ब्याज मुक्त जीवन व्यतीत करना है| इसका मतलब यह है की हमे किसी भी काम को करने से हमे हमेशा लाभ लेना है! अपनी जीवनी ऊर्जा और जीवनी सकती को व्यय नहीं करना है.
जीवन जीने के कुछ फॉर्मूले:
१. पैसे को प्यार, सम्मान करना है और इसे कमाना और बढ़ाना है!
२. क्रेडिट कार्ड को इस्तेमाल नहीं करना है, कॅश या डेबिट कार्ड को इस्तेमाल करना है
३ . आपने बच्चो को पैसे कमाने के तरीके सिखाने है, जैसे की उनको कुछ धन देकर डीमैट या स्टोक्स में इन्वेस्ट करना सीखा सकते है
लोभ, मोह, लालच
कक्षा १६२ /१६३