मुझे भी कुछ कहना है।

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अपनी एक पहचान बनाने तथा एक बेहतर इंसान बनने के लिए संघर्षरत....

Wednesday, January 24, 2018

हिंदू तन–मन, हिंदू जीवन, रग–रग हिंदू मेरा परिचय

हिंदू तन–मन, हिंदू जीवन, रग–रग हिंदू मेरा परिचय

मै शंकर का वह क्रोधानल कर सकता जगती क्षार–क्षार। 
डमरू की वह प्रलय–ध्वनि हूं, जिसमें नचता भीषण संहार। 
रणचंडी की अतृप्त प्यास, मैं दुर्गा का उन्मत्त हास। 
मैं यम की प्रलयंकर पुकार, जलते मरघट का धुआंधार। 
फिर अंतरतम की ज्वाला से जगती में आग लगा दूं मैं। 
यदि धधक उठे जल, थल, अंबर, जड़ चेतन तो कैसा विस्मय? 
हिंदू तन–मन, हिंदू जीवन, रग–रग हिंदू मेरा परिचय! 

मैं अखिल विश्व का गुरु महान, देता विद्या का अमरदान। 
मैंने दिखलाया मुक्तिमार्ग, मैंने सिखलाया ब्रह्मज्ञान। 
मेरे वेदों का ज्ञान अमर, मेरे वेदों की ज्योति प्रखर। 
मानव के मन का अंधकार, क्या कभी सामने सका ठहर? 
मेरा स्वर्णभ में घहर–घहर, सागर के जल में छहर–छहर। 
इस कोने से उस कोने तक, कर सकता जगती सोराभ्मय। 
हिंदू तन–मन, हिंदू जीवन, रग–रग हिंदू मेरा परिचय! 

मैंने छाती का लहू पिला, पाले विदेश के क्षुधित लाल। 
मुझको मानव में भेद नहीं, मेरा अन्तस्थल वर विशाल। 
जग से ठुकराए लोगों को लो मेरे घर का खुला द्वार। 
अपना सब कुछ हूं लुटा चुका, फिर भी अक्षय है धनागार। 
मेरा हीरा पाकर ज्योतित परकीयों का वह राजमुकुट। 
यदि इन चरणों पर झुक जाए कल वह किरीट तो क्या विस्मय? 
हिंदू तन–मन, हिंदू जीवन, रग–रग हिंदू मेरा परिचय! 

होकर स्वतंत्र मैंने कब चाहा है कर लूं सब को गुलाम? 
मैंने तो सदा सिखाया है करना अपने मन को गुलाम। 
गोपाल–राम के नामों पर कब मैंने अत्याचार किया? 
कब दुनिया को हिंदू करने घर–घर में नरसंहार किया? 
कोई बतलाए काबुल में जाकर कितनी मस्जिद तोड़ी? 
भूभाग नहीं, शत–शत मानव के हृदय जीतने का निश्चय। 
हिंदू तन–मन, हिंदू जीवन, रग–रग हिंदू मेरा परिचय! 

मैं एक बिंदु परिपूर्ण सिंधु है यह मेरा हिंदू समाज। 
मेरा इसका संबंध अमर, मैं व्यक्ति और यह है समाज। 
इससे मैंने पाया तन–मन, इससे मैंने पाया जीवन। 
मेरा तो बस कर्तव्य यही, कर दूं सब कुछ इसके अर्पण। 
मैं तो समाज की थाति हूं, मैं तो समाज का हूं सेवक। 
मैं तो समष्टि के लिए व्यष्टि का कर सकता बलिदान अभय। 
हिंदू तन–मन, हिंदू जीवन, रग–रग हिंदू मेरा परिचय! 

श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की एक महान कविता!

Wednesday, May 03, 2017

अपनी बर्बादी के तुम खुद जिम्मेदार हो

अपनी बर्बादी के तुम खुद जिम्मेदार हो
रास्ता जो पसंद ना आया क्यों तुमने उसे छोड़ ना दिया
अधिकार क्यों दिया तुमने दुसरो को उसे बताने का
समय जो तुमने गवां दिया कौन उसे लौटायेगा
मागेंगे हिसाब जब अपने जवाब तुम्ही को देना है
मज़िल क्यों मिली नहीं, सोचो तुमने क्या गवां दिया

चिंटू 

Friday, December 28, 2012

दिल्ली से तो मेरा गाँव अच्छा



18 दिसम्बर, 2012 को अपने दोस्त टॉम के साथ ऑस्टिन टेक्सास से एक दिन की कांफ्रेंस अटेंड करके वापस लौट रहा था। उसने अपने दोस्त माइक को हम दोनों को एअरपोर्ट से पिक करने के लिए बोला था। वह 75-80 बरस का होगा।

कार में बैठने के बाद माइक ने मुझसे पूछा: "From where you are? I told him that I am from India." फिर वह बोला कि आज इंडिया दिल्ली से किसी लड़की के रेप की न्यूज़ आ रही है। तब मुझे बहुत शर्म आई और पहली बार दिल्ली गैंग रेप के बारे में पता चला।

घर पहुँच कर जब इस न्यूज़ कि फुल डिटेल के बारे में पता चला तो ऐसा लगा कि जैसे पैरों के नीचे से जैसे जमीन ही निकल गयी हो। दिल्ली, भारत की राजधानी, जो मेरे देश का सबसे बड़ा शहर है वहां पर इतना घिनोना अपराध। ऐसा नहीं है कि रेप की घटना वहां पलही बार हुई हो, प्रतिदिन ऐसे न्यूज़ आते रहते है। पर इस बार तो हैवानियत कि सारी हदे पार कर दी गयी। इस दिल्ली से तो मेरा गावं अच्छा जहाँ मेरा परिवार सुरक्षित तो है। न ही वहां कोई पुलिस स्टेशन है, न ही पॉवर-इलेक्ट्रिसिटी की अच्छी सुविधा, और आदि आदि। दिल्ली में सब कुछ होने के बाद भी वहां यह दशा है। हमारे देश के राष्ट्रपति जी, प्रधानमंत्री जी, गृहमंत्री जी, और बड़े नेता दिल्ली में रहते है और वहां यह दशा है। भगवान् बचाये मेरे देश को। अगर सरकार हमे रोजगार, शिक्षा आदि नहीं दे सकती तो कमसे कम औरतो व बच्चो को सुरक्षा तो प्रदान करे।

हमारे राष्ट्रपति जी, प्रधानमंत्री जी, और गृहमंत्री जी कहते है की वो भी लड़कियो के पिता है और उन्हें भी डर रहता है उनकी सुरक्षा का। तो पूजनीय  राष्ट्रपति जी, प्रधानमंत्री जी, और गृहमंत्री जी आप तो देश को चलाते है, पूरा पुलिस फ़ोर्स, मिलिट्री आदि आप के दिशा निर्देश से चलती है अगर आप को ही डर लगता है तो हम आम लोगो का क्या होगा।

आज वो लड़की इस दुनिया में नहीं है मैं भगवान् से प्राथना करता हूँ कि भगवान् उसकी आत्मा को शांति दे और दुखी परिवार को इस गहरे दुःख से उबरने की शक्ति दे।

चिंटू

  

Thursday, December 20, 2012

गुजरात में फिर खिला मोदी

गुजरात में फिर खिला मोदी: मेरा मतलब है कमल, 115 सीटों के साथ माननीय नरेन्द्र मोदी जी ने आपना ताज कायम रखा। ये उनके परिश्रम और जो विकास उन्होंने गुजरात में किया है उसकी देन है।

 कांग्रेस ने गुजरात इलेक्शन के लिए अपने एडी से चोटी तक के जोर लगा दिए पर वो बस 61 सीटों तक सिमट गयी। यह इस बात का ठोस सबुत है कि एक साफ़ सुथरी, विकास करने वाली सरकार भारत (गुजरात) की जनता को चाहिए। नहीं चाहिए वो सरकार जो भ्रस्टाचार में लिप्त हो, जो विकास की बात तो करे पर उसे विकास नाम के शब्द का अर्थ भी मालूम न हो।

नरेन्द्र मोदी जी के कुछ शब्द: पीछे मुड़ कर देखने की जरूरत नहीं। आगे बढ़ना है। हम असीम ऊर्जा, असीम साहस, असीम धैर्य चाहते हैं।विधानसभा चुनाव में जीत के हीरो मेरे 6 करोड़ गुजराती हैं। गुजरात के मतदाताओं ने इस चुनाव में इस देश के सामने मिसाल कायम की है। गुजरात मतदातों ने यह सिद्ध कर दिया कि गुड गवर्नेंस और डिवलेपमेंट पर सरकार ध्यान दे, तो चुनाव जीते जा सकते हैं। मैं देश के नागिरकों को कहना चाहता हूं कि देश में गुड गवर्नेंस के लिए दबाव बनाएं।

यह आप पर निर्भर करता है कि आप कैसी सरकार चाहते है, एक भ्रष्ट सरकार या एक विकास करने वाली सरकार। 

चिंटू  

Tuesday, November 20, 2012

हरि भजन बिना सुख शांति नहीं

हरि भजन बिना सुख शांति नहीं
हरि नाम बिना आनंद नहीं
प्रेम भक्ति बिना उद्धार नहीं
जीव सेव बिना निर्वाण नहीं
मानव सेव बिना निर्वाण नहीं
हरि भजन बिना सुख शांति नहीं
साईं भजन बिना सुख शांति नहीं

जप ध्यान बिना संयोग नहीं
साईं दृश बिना प्रज्ञान नहीं
दया धर्म बिना सत्कर्म नहीं
भगवान बिना कोई अपना नहीं
साईं नाथ बिना परमात्मा नहीं
हरि भजन बिना सुख शांति नहीं
साईं भजन बिना सुख शांति नहीं .

Sunday, February 06, 2011

किसका है ये प्यारा बेबी


किसका है ये प्यारा बेबी
आनू-आनू प्यारा बेबी
पापा का है ये प्यारा बेबी

किसका है ये प्यारा बेबी
आनू-आनू प्यारा बेबी
मम्मी का है ये प्यारा बेबी


चिंटू

Wednesday, January 26, 2011

खबरदार! अगर झंडा फहराया तो जेल जाना पड़ सकता है.

खबरदार! अगर झंडा फहराया तो जेल जाना पड़ सकता है.

अब तो अपने ही देश में आपको झंडा फहराने के लिए सरकार से इज़ाज़त लेनी पड़ेगी. अगर आप ने ऐसा नहीं किया तो आप सजा के हक़दार होंगे. आज के राज-नेताओ को क्या हो गया है ये बात तो समझ से परे है.

इस कांग्रेस कि सरकार ने तो पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिये है. मैं तो पलहे हि सत्र २०१० को भारत के इतिहास में घोटालो को सत्र घोषित कर चुका हूं. वेस्टर्न मुल्को में अगर कोई राजनेता बहूत छोटी सी गलती कर दे तो वो अपनी गलती मानते हुए अपने पद से इस्तीफा दे देता है. हमारे राजनेता तो कुछ उल्टा हि करते है. उनसे इस्तीफा मांगने पर भी वो नहीं देते है.

मैं शेखर कपूर कि बात से पूरी तरह से सहमत हूँ "देश के लिए कोई साफ-सुथरा नेता अब देश से बाहर के पॉलिटिकल सिस्टम से ही मिल सकता है। २१ जनवरी 2011"

चिंटू