हरि भजन बिना सुख शांति नहीं
हरि भजन बिना सुख शांति नहीं
हरि नाम बिना आनंद नहीं
प्रेम भक्ति बिना उद्धार नहीं
जीव सेव बिना निर्वाण नहीं
मानव सेव बिना निर्वाण नहीं
हरि भजन बिना सुख शांति नहीं
साईं भजन बिना सुख शांति नहीं
जप ध्यान बिना संयोग नहीं
साईं दृश बिना प्रज्ञान नहीं
दया धर्म बिना सत्कर्म नहीं
भगवान बिना कोई अपना नहीं
साईं नाथ बिना परमात्मा नहीं
हरि भजन बिना सुख शांति नहीं
साईं भजन बिना सुख शांति नहीं .
हरि नाम बिना आनंद नहीं
प्रेम भक्ति बिना उद्धार नहीं
जीव सेव बिना निर्वाण नहीं
मानव सेव बिना निर्वाण नहीं
हरि भजन बिना सुख शांति नहीं
साईं भजन बिना सुख शांति नहीं
जप ध्यान बिना संयोग नहीं
साईं दृश बिना प्रज्ञान नहीं
दया धर्म बिना सत्कर्म नहीं
भगवान बिना कोई अपना नहीं
साईं नाथ बिना परमात्मा नहीं
हरि भजन बिना सुख शांति नहीं
साईं भजन बिना सुख शांति नहीं .
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