मुझे भी कुछ कहना है।

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अपनी एक पहचान बनाने तथा एक बेहतर इंसान बनने के लिए संघर्षरत....

Wednesday, January 26, 2011

खबरदार! अगर झंडा फहराया तो जेल जाना पड़ सकता है.

खबरदार! अगर झंडा फहराया तो जेल जाना पड़ सकता है.

अब तो अपने ही देश में आपको झंडा फहराने के लिए सरकार से इज़ाज़त लेनी पड़ेगी. अगर आप ने ऐसा नहीं किया तो आप सजा के हक़दार होंगे. आज के राज-नेताओ को क्या हो गया है ये बात तो समझ से परे है.

इस कांग्रेस कि सरकार ने तो पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिये है. मैं तो पलहे हि सत्र २०१० को भारत के इतिहास में घोटालो को सत्र घोषित कर चुका हूं. वेस्टर्न मुल्को में अगर कोई राजनेता बहूत छोटी सी गलती कर दे तो वो अपनी गलती मानते हुए अपने पद से इस्तीफा दे देता है. हमारे राजनेता तो कुछ उल्टा हि करते है. उनसे इस्तीफा मांगने पर भी वो नहीं देते है.

मैं शेखर कपूर कि बात से पूरी तरह से सहमत हूँ "देश के लिए कोई साफ-सुथरा नेता अब देश से बाहर के पॉलिटिकल सिस्टम से ही मिल सकता है। २१ जनवरी 2011"

चिंटू

Saturday, January 08, 2011

मेरी समझ - मेरी शिकायत

इस दुनिया में मेरी नज़र में करीब तीन तरह के लोग होते है.

एक तो वो जिनके पास बहूत धन-दौलत होती है. चाहे वो उन्हें कैसे भी प्राप्त हुई हो, अपने बाप-दादा से तोहफे में मिली हो, या कोई और वज़ह हो. उनको क्या बनना है, क्या करना है कुछ भी सोचने कि जरूरत नहीं होती है.

दुसरे वो जो किस्मत के धनी होते है, जिनको थोडा जतन करने में ही बहूत ज्यादा मिल जाता है. ये कुछ अलग तरह के होते है. "जब खुदा मेहरबान तो गधा पहलवान".

और तीसरे वो "जो रोज कुआं खोदते है ओर तब पानी पीते है". ये तादाद में भी सबसे ज्यादा होते है. इनको बहूत ज्यादा प्रयास के बाद बहूत थोडा प्राप्त होता है.

मैं थोडा बहूत "भगवान्"/ "खुदा"/ "गोड" में यकीन रखता हूं पर उसका ये मतभेद मेरी समझ से परे है.

पिछले २०-३० दिनो में कुछ-एक फिल्मे देखी. "साजन" उनमे से एक है. जिन्होंने ये फिल्म देखी है या जिन्होंने नहीं भी देखी है मैं उनको ये बताना चाहूँगा कि इस फिल्म का मुख्य अभिनेता अमन वर्मा (संजय दत्त) जो कि अपाहिज है, एक बहूत अच्छा शायर है जो सागर के नाम से अपनी एक पहचान बनाता है. उसे "भगवान् " से शिकायत है कि उसे एक पैर से अपाहिज क्यों बनाया है. लेकिन वो एक दुसरे आदमी को "भगवान्" कि प्राथना करते देखता है जो कि दोनों परों से अपाहिज होता है. अपनी शिकायत के लिए अमन वर्मा "भगवान्" से माफ़ी मांगते है.

इसलिए उस मालिक ("भगवान्") ने जिसको जैसा भी बनाया है उनको उसका शुक्रिया अदा करना चाहिए और अपनी मंजिल को पाने के लिए सही रोस्तों पर कदम बढाते रहने चाहिए.

चिंटू