बस कुछ इस तरह से
बस कुछ इस तरह से जिये जा रहा हूं मै
कि जैसे खुद हि को धोखा दिये जा रहा हूं मै
एक, बस एक हल्की सी उम्मीद है सिृफ उसके आने की
बस इसी उम्मीद के सहारे जिये जा रहा हूं मै
बस कुछ इस तरह से जिये जा रहा हूं मै
कि जैसे खुद हि को धोखा दिये जा रहा हूं मै
यूं तो आेर भी गम है जमाने मे मोहब्बत के सिवा
पता नही क्यों इसी को तहजीर दिये जा रहा हूं मै
बहुत समझाया था खुद को, कि इस चक्कर मे नही पडूंगा मै
पता नही कयों, इसी चकृव्यूह मे फसां जा रहा हूं मै
अभी तो ठीक से उसको जाना भी नही है
पता नही क्यों, उसको जानने के लिये बेकरार हुए जा रहा हूं मै
खुदा करे कि वो बेवफा निकले
पता नही, उसकी वफाओ के लायक भी हूं या नही हूं मै
बस कुछ इस तरह से जिये जा रहा हूं मै
कि जैसे खुद हि को धोखा दिये जा रहा हूं मै
चिन्टू
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