होता कोई आेर अगर आपसा
होता कोई आेर अगर आपसा
तो इश्क मै फिर दोबारा करता
करता दिल कि बातें, आैर सिृफ दिल की बात करता
होता कोई आेर अगर आपसा
तो इश्क मै फिर दोबारा करता
देखता रहता, आेर देखता ही रहता
तुझे देखकर ही दिन निकालता, तुझे देखकर ही मै सोता
बातें करता, आेर बातें भी ना करता
होता कोई आेर अगर आपसा
तो इश्क मै फिर दोबारा करता।
चिन्टू
2 Comments:
You are ace writer....keep it up!
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